कुण्डली के भाव या हाउस या घर
कुण्डली के भाव या हाउस या घर |
जय शनि देव। यदि आपको कुंडली के भावो के बारे में जानना चाहते है तो आप सही जगह पर पहुंचे है। कुण्डली के 12 भाव होते है, इन भावो को घर और हाउस भी कहते है । कुण्डली के सभी भावो का अपना अपना महत्व है ।एक एक करके सभी भावो के बारे में चर्चा करते है ।
- 1 प्रथम भाव
ऊपर दर्शाये अनुसार प्रथम भाव को लग्न कहा जाता है। प्रथम भाव से जातक का शरीर ,स्वभाव, शारीरिक रूप,शक्ल, चरित्र व स्वंय को आदि देखे जाते है ।
- 2 द्वितीय भाव
दूसरे भाव से परिवार ,रिश्तेदार,कुटुंब,और वाणी की मधुरता व कठोरता के बारे में देखा जाता है। इसके साथ साथ इसे बचत भाव भी कहते है । अपनी आय में से जो हम कितनी(घर या बैंक सेविंग ) बचत करते है इस भाव से देखते है तथा प्राथमिक शिक्षा के बारे में भी पता चलता है ।
- 3 तीसरा भाव
तीसरे भाव से छोटे भाई - बहन , सहस , पराक्रम अदि देखा जाता है । जातक कितना मेहनती होगा , जातक को मेहनत का फल मिलेगा या नहीं और मिलेगा तो कितना मिलेगा ।
- 4 चतुर्थ भाव
कुण्डली के चतुर्थ भाव जातक की प्रॉपर्टी भोगविलास के साधन, वाहन , मकान , रहन सहन आदि देखा जाता है । और यह माता का स्थान भी है माता से बनेगी या नहीं और कितनी बनेगी , और माता के स्वास्थ्य के बारे में पता चलता है ।
- 5 पंचम भाव
कुण्डली का पंचम भाव बच्चो के बारे में बताता है इसके साथ साथ बुद्धि, शिक्षा,प्यार ,रोमांस तथा ज्ञान इत्यादि के बारे में बताता है। इस भाव से आकस्मिक धन प्राप्ति का भी पता चलता है।
- 6 छटा भाव
इस भाव को अच्छा नहीं मन जाता है , इस भाव से रोग , ऋण, शत्रु, दुर्घटना तथा उधारी इत्यादि देखा जाता है ।
- 7 सप्तम भाव
कुंडली के सप्तम भाव से पति पत्नी (लाइफ पार्टनर ) बिज़नेस पार्टनर के बारे में जाना जाता है। तथा इसके साथ साथ जातक की रोजमर्रा की कमाई के बारे में जान सकते है। लाइफ पार्टनर का स्वभाव तथा लाइफ पार्टनर कैसा होगा आदि।
- 8 अष्ठम भाव
कुंडली का यह भाव भी सप्तम भाव की तरह अच्छा भाव नहीं मन जाता है । कुंडली के इस भाव से कष्ट , मृत्यु तुल्य कष्ट के बारे में जान सकते है तथा आयु व ससुराल के बारे में बताया जाता है तथा कोई खोज आदि के बारे में बताता है ।
- 9 नवम भाव
कुंडली का नवम भाव भाग्य भाव है इसके साथ साथ पिता स्थान भी है। इस भाव से जातक के भाग्य के भाव में जाना जा सकता है।तथा उच्च शिक्षा के बारे में भी जान सकते है।
- 10 दशम भाव
इस भाव को कर्म स्थान कहा जाता है। कुंडली के इस भाव से व्यक्ति के करम यानि रोजगार के बारे में पता चलता है। जातक को क्या काम करना है अर्थात कोनसा व्यापार या व्यवसाय करे , इस भाव से पता करते है।
- 11 एकादश भाव
कुंडली के इस भाव से जातक के कर्म या रोजगार या बिज़नेस से कितनी कमाई होगी यह देखा जाता है और बड़े भाई बहन व छोटी मोटी बीमारियों का भाव भी है।
- 12 द्वादश भाव
कुंडली का बाहरवां भाव भी अच्छा घर नहीं माना जाता है। इस भाव से हॉस्पिटल के खर्चे ,अनावयशक खर्चे , विदेश यात्रा ,जेल , कोर्ट केस इत्यादि के बारे में पता चलता है।
यदि आपको कुंडली के बारे में कोई परामर्श की जरूरत है तो या कुंडली बनवानी हो तो अपनी जन्मतिथि ,नाम,जन्म स्थान वजन आदि जानकारी कमेंट बॉक्स में लिखे। आपको उचित परामर्श , जानकारी व उचित उपाय बताया जायेगा ।जय शनि देव
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