पन्ना रत्न
पन्ना रत्न Panna Ratna |
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पन्ना कौन पहन सकता है
यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह अच्छी स्थिति में हो और कुंडली में बुध योगकारक ग्रह हो तो पन्ना रत्न धारण किया जा सकता है।यदि कुंडली में बुध ग्रह मारक हो तो पन्ना कभी धारण ना करें,इससे बुध का मारकत्व और नकारात्मकता बढ़ जाती है और बुध के बुरे फलों में वृद्धि हो जाती है। पन्ना रत्न व्यापार,लेखक,प्रकाशन,वाणी,बुद्धि की तीव्रता और बुद्धि से जुड़े व्यवसाय आदि का कारक होता है।इसे धारण करने से पढ़ाई,लिखाई,कम्प्यूटर से सम्बंधित कार्य और व्यापार आदि में सफलता मिलती है।विधार्थी,प्रकाशक, पत्रकार और व्यापारी आदि को किसी ज्योतिषी से परामर्श लेकर पन्ना रत्न धारण करना चाहिए।बुध ग्रह बुद्धि का कारक है।यदि जातक की कुंडली में बुध अच्छी स्थिति में हो अर्थात एक योगकारक ग्रह हो तो पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए।पन्ना रत्न एकाग्रता, बुद्धि और स्मरण शक्ति को मजबूत बनाता है।पन्ना कौन नहीं पहन सकता
पन्ना रत्न को पहनने के लिए यह जरूरी है की कुंडली में बुध की स्थिति अच्छी हो और बुध शुभ फल देने वाला हो।जिस जातक की कुंडली में बुध ग्रह मारक हो उन्हें पन्ना धारण नहीं करना चाहिए।यदि कुंडली में बुध मारक गृह हो तो बुध से सम्बंधित दान करके और बुध के बीजमंत्र के जप से बुध के अशुभ फलों को कम किया जा सकता है। ज्योतिषी से परामर्श लेकर ही पन्ना रत्न धारण करना चाहिए।
पन्ना की पहचान
पन्ना हरे रंग का रत्न है।यह हल्का हरा, गहरा हरा और तोते के रंग जैसा होता है।असली पन्ने में काले रंग के रेशे होते है।चमकदार, पारदर्शी पन्ना यदि सस्ते दाम में मिलता हो तो वह नकली हो सकता है क्योंकि पारदर्शी और चमकदार असली पन्ना महंगा होता है।पन्ना रत्न हमेशा लैब टेस्ट वाला ही लें।
पन्ना रत्न |
पन्ना कौनसी अंगुली में पहने
पन्ना रत्न अपनी दाएं हाथ की सबसे छोटी उंगली में पहनें।पन्ना रत्न चांदी या स्वर्ण की अंगुठी में पहना जाता है।छोटे बच्चों को पन्ना लॉकेट में धारण किया जाता है।
पन्ना कैसे धारण करें
यदि आपकी कुंडली में बुध शुभ है तो आप पन्ना धारण करके शुभ फलों को बढ़ा सकते है।पन्ना रत्न को चांदी या सोने की अंगूठी में जड़वाकर शुक्ल पक्ष (चढ़ता पक्ष) में बुध वार को सूर्य उदय के पश्चात धारण करें।धारण करने से पहले अंगूठी को दूध व गंगाजल में डाल दें।फिर बुध देव के नाम की धुप अगरबत्ती लगाएं और बुध देव से आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करें बुध देव बीजमंत्र ॐ बुं बुधाय: नमः का 108 बार जप करें। इसके बाद अंगूठी को धुप या अगरबत्ती पर बुधदेव का नाम लेते हुए घुमाकर धारण कर लें।
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