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गुरुवार, 11 अप्रैल 2019

भटनेर दुर्ग का इतिहास Bhatner Durg

भटनेर दुर्ग का इतिहास  Use any translator to read in English  प्राचीन काल से भारत सभ्यता और संस्कृति का देश रहा है। भारत के प्रत्येक रा... thumbnail 1 summary

भटनेर दुर्ग का इतिहास 

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प्राचीन काल से भारत सभ्यता और संस्कृति का देश रहा है। भारत के प्रत्येक राज्य में प्राचीन धरोहर जैसे आलिशान महल,स्मारकों और किलों का अपना विशेष आकर्षण रहा है।प्राचीन काल में विदेशी आक्रमणों के चलते विशाल, आलिशान और सुरक्षित किले बनाये गये।भारत में कई प्रसिद्ध किले है लेकिन भारत के राज्य राजस्थान में सबसे अधिक किले है। उन्ही में से एक किला भटनेर किला है।यह एक प्राचीन किला भारत के उत्तरी भाग में स्थित है, इसलिए इसे उत्तरी सीमा का प्रहरी भी कहा जाता है।
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भटनेर किला हनुमानगढ़

भटनेर किले की स्थिति 

भटनेर किले ने सदियों तक मध्य एशिया से होने वाले आक्रमणों को रोकने में प्रहरी की भूमिका निभाई है,और भारत के इतिहास में महत्वपुर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है।उत्तरी सीमा का प्रहरी होने के कारण भटनेर दुर्ग को अत्यधिक बाहरी आक्रमणों को सहना पड़ा।मध्यकाल में भारत पर आक्रमण करने के लिए विदेशी आक्रमणकारियों को इसी किले के रास्ते गुजरना पड़ता था।यह राजस्थान के हनुमानगढ़  जिले  में घग्घर नदी जिसका प्राचीन नाम सरस्वती नदी था के किनारे स्थित है।इसका निर्माण 1700 वर्ष पूर्व हुआ था।

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भटनेर किला हनुमानगढ़ 

इस किले का निर्माण जैसलमेर के भाटी राजा भूपत सिंह ने सन 295(तीसरी शताब्दी के अंतिम चरण में) में करवाया था। यह किला भाटी राजवंश के द्वारा बनाया गया था इसलिए इसका नाम भटनेर पड़ा।यह किला पक्की ईंटो व् चुने से बना हुआ है।पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी के बिच तराइन का युद्ध यहीं हुआ था।यह किला चारों और से मरुस्थल से घिरा हुआ और 52 बीघों में बना हुआ है।इसमें 52 विशाल बुर्ज और सुरंगे भी है।

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भटनेर किले पर आक्रमण 

सन 1001 में मोहम्मद गजनवी ने इस किले पर आक्रमण किया और सन 1398 में क्रूर शासक तैमूर ने इस पर आक्रमण किया और इस किले को लुटा व किले में पुरुष-स्त्रियों को बेहरहमी के कत्ल ।तैमूर ने इस किले को उजाड़ दिया था लेकिन किले की मजबूती के कारण इसे ध्वस्त नहीं कर सका।इसलिए तैमूर ने अपनी जीवनी "तुजुक-ऐ-तैमूरी" में भटनेर किले को भारत का सबसे मजबूत किला बताया है।कुतुबदीन ऐबक ,अकबर ,और तैमूर ने इस किले पर शासन किया ।तैमूर के बाद यह किला भाटियों,चायलों,राठौड़ ,राजपूतों और मुगलों के अधीन रहा।1527 ई. में राजा राव जेतसी ने अपना राठौड़ राज्य स्थापित किया।1570 ई.में इस किले पर अकबर ने अधिकार कर लिया।
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भटनेर किले का नाम हनुमानगढ़ कैसे पड़ा ?

1805 ई.में बीकानेर के सम्राट सूरत सिंह ने भटनेर किला भाटियों से युद्ध करके अपनी अधिकार में कर लिया।जिस दिन राजा सूरत सिंह ने यह किला हासिल किया था उस दिन मंगलवार का दिन था और मंगलवार हनुमान जी का दिन माना जाता है तब से इस किले का नाम भटनेर से बदलकर हनुमानगढ़ रखा गया और किले में हनुमान मंदिर का निर्माण करवाया गया।
भारत के इतिहास में अपने अतीत की अमूल्य यादों को समेटे हुए भटनेर दुर्ग आज दिनबदिन खण्डहर होता जा रहा है।

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